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उत्तर प्रदेश से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर

सामान्य ज्ञान पर अच्छी पकड़ होना कई कारणों से महत्वपूर्ण है। यह आपकी जागरूकता, जिज्ञासा और आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायता करता है। यह विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं, प्लेसमेंट साक्षात्कारों और प्रवेश परीक्षाओं में आपके प्रदर्शन को भी बढ़ाता है जो अक्सर आपके सामान्य ज्ञान और योग्यता का मूल्यांकन करते हैं। इसके अलावा, यह आपको विभिन्न विषयों और मामलों पर दूसरों के साथ महत्वपूर्ण चर्चाओं में भाग लेने की अनुमति देकर आपकी संचार क्षमताओं को बढ़ाने में सहायता करता है। प्रश्न-1 उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री कौन थे? उत्तर- गोविंद बल्लभ पंत प्रश्न-2 राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में उत्तर प्रदेश के कितने जिले हैं? उत्तर- (गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, हापुड़, मेरठ, गाज़ियाबाद, बागपत, मुज़फ्फरनगर और शामली) प्रश्न-3 उत्तर प्रदेश में किस रेलवे का विस्तार सर्वाधिक है? उत्तर- उत्तर-पूर्व रेलवे का प्रश्न-4 उत्तर प्रदेश की सबसे लम्बी सीमा और सबसे छोटी सीमा रेखा किन राज्यों से स्पर्श करती है? उत्तर- मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश से प्रश्न-5 उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ किस नदी के किनारे स्थित है? उत्तर-...

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कम्प्यूटर क्या है→कम्प्यूटर एक स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक मशीन है,जो अपनी मेमोरी में मौजूद निर्देशों के आधार पर कार्य करता है। यह डाटा को ग्रहण कर उसे तय नियमों के अनुसार प्रोसेस कर परिणाम देता है तथा अनेक प्रकार की तर्कपूर्ण गणनाओं के लिए प्रयोग किया जाता है और साथ ही भविष्य में इस्तेमाल हेतु उसे स्‍टोर भी करता है।
C - Commonly - सामान्य रूप से
O - Operating - चलाने वाला
M - Machine - यंत्र
P - Purpose - उद्देश्यपूर्ण
U - Used for - प्रयोग की जाने वाली
T - Training - (प्रशिक्षण)
E - Educational - शिक्षण
R - Research - खोज करने वाला
कम्प्यूटर सिस्टम के घटक- कम्प्यूटर सिस्टम को मुख्यतः तीन भागों में बाटा जा सकता है- 1. हार्डवेयर 2. सॉफ्टवेयर 3. डाटा।
1. हार्डवेयर :- कम्प्यूटर मशीन के वे भौतिक भाग जिसे हम छू सकते हैं,देख सकते है उसे हार्डवेयर कहते है जैसे- की-बोर्ड, माऊस, मॉनीटर, सीपीयू, प्रिंटर, मदर बोर्ड आदि।
2. सॉफ्टवेयर :-अनुदेशों और प्रोग्रामों का वह समूह जो कम्प्यूटर को यह बतलाता है कि उसे क्या और कैसे करना है सॉफ्टवेयर कहलाता है,सॉफ्टवेयर को हम छू नहीं सकते केवल देखकर महसूस कर सकते है उसे सॉफ्टवेयर कहते है।
3. डाटा :-डाटा तथ्यों और सूचनाओं का अव्यवस्थित संकलन है। जिसे दो भागों में विभाजित किया जा सकता है।
1. संख्यात्मक डाटा (Numeric) :-यह अंकों से बना डाटा है जिसमें 0,1,2,3,…... 9 तक की सख्यायों का प्रयोग किया जाता है।
2. चिन्हात्मक डाटा (alphanumeric):-इसमें अक्षरों, अंकों तथा चिन्हों का प्रयोग किया जाता है।
डाटा प्रोसेसिंग :-डाटा को उपयोगिता के आधार पर किया जाने वाला विश्लेषण डाटा प्रोसेसिंग कहलाता है।
प्रोग्राम (Program) :-यह कम्‍प्‍यूटर पर कार्य करने वाले यूजर के लिए सुझाव होता है कि वह किसी दिए गये कार्य को कैसे करेगा।
अनुदेश :-कम्प्यूटर को कार्य करने के लिए दिए गए आदेशों को अनुदेश कहा जाता है।
कम्प्यूटर की विशेषताएँ :-
1. गति (speed), 2. स्वचालित (Automatic), 3.त्रुटी रहित कार्य (Accuracy), 4. स्थायी भंडारण क्षमता (Permanent Storage),5.विशाल भंडारण क्षमता (Large storage Capacity) ,6. जल्द निर्णय लेने की क्षमता (Quick Decision) 7. गोपनियता (Secrecy )।
Note:- भारत में कम्प्यूटर का प्रथम प्रयोग 16 अगस्त, 1986 को बैगलुरू के प्रधान डाकघर में किया गया। जबकि भारत का प्रथम पूर्ण कम्प्यूटरीकृत डाकघर नई दिल्ली है।
कम्प्यूटर की सीमाएँ :-
1. बुद्धिहीन- केवल दिये गये दिशा-निर्देशों के अन्दर ‌ही कार्य कर सकता है, सोचने व निर्णय लेने की क्षमता नहीं होती।
2. खर्चीला हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर काफी महंगे होते है।
3.वायरस का खतरा।
4. विद्युत पर निर्भरता।
Note:-कम्प्यूटर साक्षरता दिवस→ 2 दिसम्बर
कम्प्यूटर के उपयोग एवं अनुप्रयोग :-
1. डाटा प्रोसेसिंग-जनगणना, सांख्यिकीय विश्ले‍षण,परिक्षाओं के परिणाम आदि।
2. सूचनाओं का आदान-प्रदान 3. शिक्षा के क्षेत्र में 4. वैज्ञानिक अनुसंधान।
5. रेलवे तथा वायुयान आरक्षण 6. बैंक 7. चिकित्सा व रक्षा 8. अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी।
9. संचार, मनोरंजन एवं प्रकाशन।
कम्प्यूटर का उद्भव और विकास (Evolution & Development of Computer) :-
★अबेकस-यह एक प्राचीन गणना यंत्र है जिसका अविष्कार प्राचीन बेबीलोन में अंकों की गणना के लिए किया गया था। इसे संसार का प्रथम संगणक यंत्र कहा जाता है। इसमें तारों में गोलाकार मनके पिरोई जाती है।
★ पास्कलाइन-फ्रांस के गणितज्ञ ब्ले ज पास्कल ने 1642 में प्रथम यांत्रिक गणना मशीन का आविष्कार किया। यह केवल जोड़ व घटा सकती थी।
★ डिफरेंस इंजन-ब्रिटिश गणितज्ञ चार्ल्स बैबेज ने 1822 में डिफरेंस इंजिन का आविष्कार किया जो भाप से चलता था तथा गणनाएँ कर सकता था।
चार्ल्स बैबेज को कम्प्यूटर के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए कम्प्यूटर का जनक कहा जाता है।
सेंसस टेबुलेटर-1890 में अमेरिका के वैज्ञानिक हर्मन होलेरिथ ने, इस विद्युत चलित यंत्र का अविष्कार किया जिसका प्रयोग अमेरिका की जनगणना में किया गया ।
मार्क-I→1937-1944 के बीच IBM कम्पनी के सहयोग तथा वैज्ञानिक हावर्ड आइकेन के निर्देशन में विश्‍व के प्रथम पूर्ण स्वचालित विद्युत यांत्रिक गणना यंत्र का आविष्कार किया।
★ इंडबैक (EDVAC) -एनिएक कम्प्यूटर में प्रोग्राम में परिवर्तन कठिन था इससे निपटने के लिए जॉन-वान न्यूमेन ने संग्रहित प्रोग्राम की अवधारणा दी तथा इडबैक का विकास किया।
आधुनिक कम्प्यूटर के विकास में सर्वाधिक योगदान अमेरिका के डॉ जॉन-वान न्यूमेन का है। इन्हें डाटा और अनुदेश दोनों को, बाइनरी प्रणाली (0 और 1) में संग्रहित करने का श्रेय दिया जाता है।
★ माइक्रो प्रोसेसर:- 1970 में इंटेल कम्पनी द्वारा प्रथम माइक्रो प्रोसेसर' इंटेल-4004 के निर्माण ने कम्प्यूटर क्षेत्र में क्रांति ला दी । जिससे छोटे कम्प्यूटर का निर्माण संभव हुआ जिन्हे माइक्रो कम्‍प्‍यूटर कहा गया।
एप्पल-I l→ 1977 में प्रथम व्यवसायिक माइक्रो कम्‍प्‍यूटर का निर्माण किया गया जिसे एप्पल-II नाम दिया गया।
★ कम्प्यूटर के विकास का वर्गीकरण-
कार्य पद्धति के आधार पर :-
1.एनालॉग कम्प्यूटर :-इसका प्रयोग मुख्य रूप से व्यापार के क्षेत्र में किया जाता है, यह वस्तु के माप तौल को दर्शाता है।
2.हाईब्रिड कम्प्यूटर :-इसका प्रयोग चिकित्सा इंजिनियरिंग के क्षेत्र में किया जाता है, यह डिजिटल तथा एनालॉग कम्‍प्‍यूटर का संयुक्त रूप है।
3.डिजिटल कम्प्यूटर :-इसका प्रयोग गणितीय व तार्किक क्रियाओं को करने के लिए किया जाता है। यह अधिकतर रेलवे स्टेशनों पर दिखाई देता है यह मुख्य रूप से चार प्रकार का होता है-
आकार के आधार पर कम्प्यूटर :-
1. माइक्रो कम्प्यूटर :-यह छोटा कम्‍प्‍यूटर होने के साथ-साथ इसकी मेमोरी भी छोटी होती है, माइक्रो कम्‍प्‍यूटर में माइक्रो प्रोसेसर का प्रयोग किया जाता है यह छोटे कार्यो के लिए प्रयोग किया जाता है इस पर केवल एक ही व्‍यक्ति कार्य कर सकता है।
2. मिनी कम्प्यूटर :- मिनी कम्‍प्‍यूटर के कार्य करने की क्षमता माइक्रो कम्‍प्‍यूटर से कुछ अधिक होती है, इसका प्रयोग बैंकों फैक्टरियों, बीमा कम्पनियों में हिसाब-किताब करने के लिए किया जाता है।
3. मेनफ्रेम कम्प्यूटर :-यह कम्‍प्‍यूटर काफी बड़ा व अधिक स्थान घेरने वाला होता है, इसमें सैकड़ो लोग एक साथ काम कर सकते हैं। इसका प्रयोग बड़ी-बड़ी कम्पनियों में किया जाता है।
4. सुपर कम्प्यूटर :-यह विश्व का सबसे तेज चलने वाला कम्प्य़टर होता है, इसका प्रयोग वैज्ञानिक अनुसंधान में किया जाता है। भारत का सबसे पहला सुपर कम्प्‍यूटर (1985-1986) में अमेरिका से लाया गया था जिसका नाम Cray-x-mp-14 था। बाद में भारत का पहला सुपर कम्‍प्‍यूटर परम 1000, 1991 में बनाया गया और उस समय इसका नाम परम 10000 था।
हार्डवेयर के उपयोग के आधार पर- 1.- पहली पीढ़ी 2. दूसरी पीढ़ी 3. तीसरी पीढी 4. चौथी पीढ़ी 5. पांचवीं पीढ़ी हार्डवेयर के आधार पर :- पहली पीढ़ी के कम्प्यूटर (1942-1955):-इनके निर्माण में निर्वात ट्यूब (Vacuum Tubes) का प्रयोग होता था।
* सॉफ्टवेयर मशीनी भाषा तथा निम्‍नस्तरिय प्रोग्रामिंग भाषा में तैयार किया जाता था।
* डाटा तथा सॉफ्टवेयर में भंडारण के लिए पंचकार्ड तथा पेपरटेप का प्रयोग किया गया।
*कम्प्यूटर का गणना समय या गति मिली सेकेंड में थी। पहली पीढ़ी के कम्प्यूटरों का उपयोग मुख्यत: वैज्ञानिक अनुसंधान और सैन्य कार्यों में किया गया। उदाहरण- एनिएक (ENIAC), यूनीबैक (UNIVAC) तथा IBM|
द्वितीय पीढ़ी के कम्प्यूटर:-
* दूसरी पीढ़ी के कम्प्यूटरों में निर्वात ट्यूब की जगह सेमीकंडक्टर ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया गया।
*सॉफ्टवेयर उच्च स्तरिय असेम्बली भाषा में तैयार किया गया।
*डाटा और सॉफ्टवेयर के भण्डारण के लिए मेमोरी के रूप में चुम्बकीय भण्डारण उपकरणों जैसे मैग्‍नेटिक टेप तथा मैग्‍नेटिक डिस्क आदि का प्रयोग आरम्भ हुआ।
*कम्प्यूटर के प्रोसेस की गति तीव्र हुई अब इसे माइक्रो सेकेण्ड् में मापा जाता था।
*व्यवसाय तथा उद्योग में कम्प्यूटर का प्रयोग आरम्भ हुआ।
*सॉफ्टवेयर में कोबोल (COBOL): फोरट्रॉन (FORTRAN) जैसे उच्च स्तरीय भाषा का विकास हुआ।
तीसरी पीढ़ी के कम्प्यूटर :-
* तीसरी पीढ़ी के कम्प्यूटरों में ट्रांजिस्टर की जगह (IC) इंटीग्रेटिड सर्किट चिप का प्रयोग आरम्भ हुआ।
* इनपुट तथा आउटपुट उपकरण के रूप में की-बोर्ड, मॉनीटर का प्रयोग प्रचलित हुआ।
* कम्प्यूटर का गणना समय नैनो सेकेण्ड में मापा जाने लगा।
* कम्प्यूटर का व्यवसायिक व व्यक्तिगत उपयोग आरंभ हुआ।
* उच्च स्तरिय भाषा पीएल-।, पास्कल, बेसिक का विकास हुआ।
* टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास हुआ।
चौथी पीढ़ी के कम्प्यूटर :-
* चौथी पीढ़ी के कम्प्यूटर में माइक्रो प्रोसेसर का प्रयोग किया गया।
* कम्प्यूटर का गणना समय पीको सेकेण्ड में मापा जाने लगा।
* माइक्रो प्रोसेसर का विकास एम ई हॉक ने 1971 में किया।
* उच्च गति वाले कम्प्यूटर नेटवर्क जैसे लैन, वैन का विकास हुआ। जिसे PC - Personal Computer कहा गया।
* आपरेटिंग सिस्टम में एम.एस.डॉस, माइक्रोसाफ्ट विण्डोज तथा एप्पल ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास हुआ।
* उच्चस्तरीय भाषा में सी (C) भाषा का विकास हुआ।
पाँचवी पीढ़ी के कम्प्यूटर
* ULSI तथा SLSI से करोड़ो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से युक्त माइक्रो प्रोसेसर चिप का विकास हुआ।
* मल्टीमीडिया तथा एनिमेशन के कारण कम्प्यूटर का शिक्षा तथा मनोरंजन में उपयोग किया जाने लगा।
* भंडारण के लिए आप्टिकल डिस्क जैसे- सीडी, डीवीडी,ब्लू-रे डिस्‍क का विकास हुआ।
* नेटवर्किंग के क्षेत्र में इंटरनेट, ई-मेल, www का विकास हुआ।
* मैगनेटिक बबल मेमोरी के प्रयोग से भण्डारण क्षमता में वृद्धि हुई।
History of Computer :-कम्‍प्‍यूटर का इतिहास लगभग 1600 ई0 में चीन में अबेकस नामक एक गणना यंत्र आया था। यह लकडी के फ्रेम में आयताकार में बना हुआ था। सन् 1822 में ब्रिटेन के वैज्ञानिक चार्ल्संवैवेज ने डिफेंस इंजन बनाया था। इस यंत्र ने पहली बार कम्‍प्‍यूटर के सिद्धान्त अपनाए थे। इस कारण चार्ल्‍सबैवेज को किंग ऑफ कम्‍प्‍यूटर कहा गया, कुछ समय के बाद डिफेंस इंजन को सुधार करके एनालिटिकल इंजन बनाया गया। इसमें पहली बार प्रोग्राम लोड किया गया था। इस तरह लेडी एडा अगस्टा पहली महिला थी, जिसने प्रोग्राम लोड किया था। इन्हे ओमेन ऑफ द फर्स्ट प्रोग्रामर कहा जाता है। इसके बाद अमेरिका में Kathorith Sencer tab alter यंत्र का निर्माण किया गया, 1946 ई0 में अमेरिका के वैज्ञानिक जॉन डब्लू मॉचली एवं उनके सहयोगी वैज्ञानिक ने एक प्रथम इलेक्ट्रानिक यंत्र बनाया जिसका प्रयोग द्वितीय विश्‍व युद्ध में किया गया। जिसका नाम UNIVAC-I था।
कम्प्यूटर की कार्यप्रणाली-कम्प्यूटर की कार्यप्रणाली को पाँच भागों में बाटा जा सकता है-
1. इनपुट (Input): -इनपुट किसी कम्‍प्‍यूटर का वह भाग है जिसके द्वारा डाटा या उद्देश्य कम्‍प्‍यूटर को देते हैं। जैसे-key-board, Mouse, Joy-stick, Scanner, Light pen, Mobile, OMR, BCR, Mick etc.
2. भंडारण (storage) : -डाटा तथा अनुदेशों को मेमोरी यूनिट में स्टोर किया जाता है, ताकि आवश्यकता अनुसार उनका उपयोग किया जा सके।
3. प्रोसेसिंग (Processing) : -डाटा से इनफार्मेंशन निकालने के लिए हमे बहुत सी क्रियाऍ करनी पडती हैं जिसे हम डाटा प्रोसेसिंग कहते हैं। डाटा प्रोसेसिंग कम्‍प्‍यूटर से करने के कारण ही इसे (E.D.P.) इलेक्ट्रानिक डाटा प्रो‍सेसिंग कहा जाता है।
4.आउटपुट (Output) : -कम्प्यूटर द्वारा प्रोसेसिंग के पश्‍चात सूचना या परिणामों को उपयोगकर्ता के समक्ष प्रदर्शित करने का कार्य आउटपुट कहलाता है।
5. कंट्रोल (Control) :-विभिन्न प्रक्रियाओं में प्रयुक्त उपकरणों, अनुदेशों और सूचनाओं को नियंत्रित करना और उनके बीच तालमेल स्थापित करना कन्‍ट्रोल कहलाता है।
भण्डारण यूनिट या मेमोरी (Storage Unit or Memory) :-
मेमोरी को मुख्यतः दो भागों में बांटा जाता है-
1. प्राथमिक या मुख्य या आन्‍तरिक मेमोरी (Primary or Main or Internal Memory):-
* यह कम्प्यूटर सिस्टम यूनिट के अंदर स्थित इलेक्ट्रॉनिक मेमोरी है।
* इसकी स्मृति क्षमता कम जबकि गति तीव्र होती है।
* इसमें अस्थायी निर्देशों और तात्कालिक परिणामों को संग्रहित किया जाता है।
* यह अस्थाई मेमोरी है जिसमें कम्प्यूटर को ऑफ कर देने पर सूचना भी समाप्त हो जाती है। उदाहरण के लिए सेमीकण्डक्टर, रजिस्टर, कैश, रैम आदि।
2. द्वितीयक या सहायक या बाहय मैमोरी (Secondary or External Memory) :-
* डाटा; सॉफ्टवेयर तथा अंतिम परिणामों को स्थायी रूप से सहायक मेमोरी में संग्रहित किया जाता है कम्प्यूटर प्रोसेसर द्वारा डाटा प्रोसेस से पहले सहायक मेमोरी से मुख्य मेमोरी में लाया जाता है।
* यह एक स्थाई मेमोरी है उदाहरण के लिए चुंम्बोकीय डिस्क, ऑप्टिकल डिस्क, हार्ड डिस्क आदि।
रैम RAM – (Random Access Memory) : -
* रैम एक सेमीकण्डटर चीप है जिसे मदर बोर्ड पर लगाया जाता है।
* यह एक अस्थाई प्राथमिक मैमोरी है।
* किसी अन्तरिम या अंतिम परिणाम को अस्थायी तौर पर रैम में स्टोर किया जाता है।
रोम ROM- (Read Only Memory) :-
* रोम एक सेमीकण्‍डक्‍टर मैमोरी चीप है।
* रोम एक स्थाई प्राथमिक मेमोरी है जिसमें संग्रहित डाटा न तो नष्ट होती है और न ही इसे बदला जा सकता है।
सिस्टम यूनिट : -
* किसी पर्सनल कम्प्यूटर का सिस्टम यूनिट उसका मुख्य हार्डवेयर है।
* सिस्टम युनिट में मुख्यतः पॉवर सप्लाई यूनिट, मदरबोर्ड, सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट, माइक्रो प्रोसेसर, मुख्यप मेमोरी आदि आते हैं।
1. मदर बोर्ड :- *मदर बोर्ड का मुख्य सर्किट बोर्ड है।
* मदर बोर्ड पर सीपीयू, रोम, रैम, मैमोरी आदि उपकरण लगे होते है।
* कम्प्यूटर के अन्य उपकरण जैसे इनपुट यूनिट, आउटपुट यूनिट, हार्ड डिस्क ड्राइव, सीडी ड्राइव, साउण्ड कार्ड आदि मदर बोर्ड से ही जुड़े होते है।
2. सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट या माइक्रो प्रोसेसर (CPU) :-सीपीयू को कम्प्यूटर का मस्तिष्क कहा जाता है। कम्प्यूटर CPU में जो भी कार्य करते हैं। उस कार्य को करने की मशीन को प्रोसेसर कहते है। प्रोसेसर सी.पी.यू. को ही कहा जाता है। यह दो संख्यानओं की तुलना करके कोई भी कार्य प्रोसेस करता है। कम्‍प्‍यूटर से जुडे सभी उपकरण सी.पी.यू. का संचार करते है। सी.पी.यू. के चीप की गति जितनी अधिक होती है कम्‍प्‍यूटर भी उतनी ही तिब्रता से कार्य करता है। इसे माइक्रो प्रोसेसर भी कहा जाता है।
* यह सभी कार्यों को नियंत्रित, निर्देशित तथा समन्वित करता है।
* सीपीयू स्टोर्ड प्रोग्राम इंसट्रक्शन्स के आधार पर काम करता है।
→ सीपीयू को तीन भागों में बाटा जा सकता है-
1. अरिथमेटिक लॉजिक यूनिट (ALU) 2. कंट्रोल यूनिट (CU) 3. मेमोरी यूनिट (M.U.)
1. अरिथमेटिक लॉजिक यूनिट (ALU) :-यह ममोरी कम्प्‍यूटर में कैल्कुलेटर के समान होती है जो गणितीय एवं तार्किक कियाओं को सम्‍पन्‍न करती है।
2. कंट्रोल यूनिट (CU) :-इस डिवाइस का कार्य सी.पी.यू. के सभी आदेशों का पालन करना तथा उनमें ताल-मेल बनाये रखने का कार्य करता है। कम्‍प्‍यूटर को कब प्रोसेस करना है। इसका रिजल्ट कब आउटपुट देना है ये सभी कार्य सी.यू. करता है।
3. मेमोरी यूनिट (M.U.) :-कम्‍प्‍यूटर के सी.पी.यू. में मेमोरी वह भाग है जिसमें डाटा प्रोसेस या फाइल स्टोर करके रखे जाते हैं मेमोरी छोटे-छोटे खानों में बटी होती है जिसे बाइट कहा जाता है प्रत्येक बाइट आठ बिट में बटी होती है। यह ऑन या आफ इन्ही दोनों पर डाटा अपना कार्य करता है। इसके कार्य करने के तरिके को बाइनरी सिस्ट‍म कहा जाता है।
★ सीपीयू की गती को प्रभावित करने वाले कारक:- 1. कम्प्यूटर घड़ी 2. रजिस्‍टर मेमोरी 3.शब्द परास 4. कैश मेमोरी 5. सिस्टम बस। 6. समानान्त्र गणना 7. सीपीयू व अन्य उपकरणों के बीच समन्वय।
★ U.P.S. (Uninterrupted Power Supply) :-यह एक ऐसा इलेक्ट्राेनिक यंत्र है जो कम्प्‍यूटर UPS को मिलने वाली सप्लाई को कन्ट्रोल करके सिस्टम में पहॅुचाता है तथा पावर सप्लाई के बोल्टेज को कम या अधिक हो से बचाता है।

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